भारत में बोद्ध धर्म के पतन के सन्दर्भ में पहली शताव्दी ई. पूर्व तक बोद्ध धर्म के महायान में हिन्दू धर्म के प्रभाव को दर्शाया गया है। उसके बाद हूण आक्रमण, मुस्लिम विजेता, बचे हुए बोद्ध और पुष्यमित्र शुंग के बोद्ध उत्पीडन तथा हिन्दुओं के आधीन बोद्ध उत्पीडन का विस्तार से वर्णन किया गया है। जिसका समणों की जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ा।
अब हम बात करेंगे ७५० ई. से १२०० ई. तक उत्तरी भारत में गंगा घाटी पर नियंत्रण के लिये त्रिस्तरीय संघर्ष और बड़े राज्यों की परधि पर नेपाल, कामरूप, कश्मीर और उत्कल (उड़ीसा) जैसे राज्यों तथा महाराष्ट्र और शिलाहार जैसे राजवंशों के समणों के संघर्ष की। जिसमें समण हिमालय की तलहटी में बसे राज्य और मैदानी इलाकों की राजनीति में अधिक उलझे बिना समण जीवित रहने में कामयाव रहे और मैदानी इलाकों पर उनकी उपस्थिति बनी रही।
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