"जज़्बाती रूह से निकले लफ्ज़" इस एक बुक में मैंने अलग अलग तरह की बहुत सारी फीलिंग्स को दिखने की कोशिश की है.. और ये बुक किसी एक इंसान के लिए नहीं बल्कि जो भी इस बुक को पढ़ेगा और जो चीज़ पढ़ते वक़्त वो इंसान जो फील करेगा समझ लीजियेगा ये जज़्बात उन्ही को समर्पित है या उन्ही के लिए है..
इस बुक में मैंने ज़िन्दगी के बोहोत से पहलुओ को दिखाने की एक छोटी सी कोशिश की है और ये बुक कुछ मेरी तो कुछ आपकी ज़िन्दगी से रिलेटेड है...
इस बुक का नाम "जज़्बाती रूह से निकले लफ्ज़" इसी लिए रखा गया है क्यूंकि बुक में लिखी हर कविताओं को मैंने कहीं न कही फील किया है कुछ अपनी ज़िन्दगी तो कुछ आपको आपकी ज़िन्दगी से निकाल के मैंने कुछ किस्से इस बुक में आपके साथ शेयर किया है आशा करती हूँ आप इसे पढ़ते वक़्त अपनी ज़िन्दगी के अनेक पहलुओं में से कोई पहलू फील कर पाएंगे..
(इस बुक का उद्देशय किसी की भी भावनाओ को ठेस पहुंचाने का बिलकुल नहीं है इस बुक सिर्फ रूह से निकले लफ्ज़ लिखे गए है...)
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