कहते हैं हमें सब रिश्ते पहले से बने बनाये मिलते हैं पर साथ ही एक ऐसा रिश्ता होता है जिसे हम ख़ुद चुनते हैं और वो होता है दोस्ती का रिश्ता। दोस्ती जिसका नाम सुनते ही एक सुकून का एहसास होता है। दोस्ती सिर्फ़ दोस्ती नहीं होती एक नये एहसास के साथ-साथ, एक नये सफ़र का दूसरा नाम होती है। दोस्ती में प्यार के जैसी ही तड़प होती है, तड़प एक-दूसरे से मिलने की, एक-दूसरे के साथ वक़्त बिताने की, हजारों बेमतलब की बातें एक-दूसरे को सुनाने की, एक-दूसरे को नये नये अतरंगी नाम लेकर चिढ़ाने की, अपनेपन के एहसास के साथ-साथ एक-दूसरे की भावनाओं को समझने-समझाने की, दूर होते हुए भी पास होने का एहसास दिलाने की, हर उल्टी-सीधी हरकतों में अपनी हिस्सेदारी दिखाने की और सबसे जरूरी एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हुए एक-दूसरे पर हक जताने की। यह पुस्तक केवल स्वरचित लेख से सुशोभित नहीं है बल्कि इसमें हमने संजोया है सभी लेखिकाओं और लेखकों के खूबसूरत एहसासों को जो उन्होंने अपनी दोस्ती में जीए हैं। उम्मीद है आप सभी पाठको को हमारे लेख पसंद आये।
धन्यवाद।