ये एक हॉरर स्टोरी है। हॉरर कहानी होने के बावजूद भी ये कहानी समाज को एक बहुत ही महत्वपूर्ण मैसिज देती है। कामिनी के मरने के बाद भी उसका प्रेमी आदित्य उसे ढूंढ रहा था। क्या वो कामिनी से कभी मिल पाया, यां फिर वो खुद ही उससे मिलने के लिए मर गया? बेनाम, मुकुंद और राघव कौन थे? क्या कामिनी मरी ही नहीं थी? यां फिर उसने फिर से जन्म लिया?
पाठकों, यदि आप इस प्रेत कामिनी से मिलना चाहते हैं, तो इस पुस्तक को ज़रूर पढ़िए। हमारा ऐसा मानना है कि पुस्तक पढ़ते समय किसी भी वक़्त आपसे मुलाकात हो जाएगी।
(बस डरना मत)
राजिंदर कुमार सूर्यवंशी की पेशकश
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