मैं कविताएँ तो चार वर्षों से लिख रही हूँ , पर इनका संकलन ' काव्य पुष्प ' बनाने का उत्साह व संयोग मिला मेरी प्यारी मुँह बोली भांजी ' श्रीमती अर्चना जी पांडे ' से , जो हमारे बहुचर्चित ' हिंददेश परिवार ' की एक सशक्त अध्यक्ष व संस्थापिका हैं । मैं धन्यवाद देना चाहूँगी मेरे दोनों प्रिय डॉ . महेश कुमार जी जैन तथा श्री नारायण जी खाखोलिया का , जिन्होंने मेरे इस पहले प्रयास को अपनी शुभकामनाएं प्रदान कीं । मैं अपनी छोटी बहन सरोज जालान को हार्दिक धन्यवाद देना चाहूँगी जिन्होंने मेरी पुस्तक के लिए शुभकामना संदेश लिखा है ।