ख़ामोशी एक खूबसूरत एहसास,
जो ख्वाबों को पंथ दे, और दिल के जज्बातों को आवाज,
महज लफ्ज़ों के नहीं ख़ामोशी के भी बोल होते है,
जो कोई एक खास इंसान ही पढ़ पाता है,
अपने आप में लाखों सवालों से जुंजते रहते है,
नई नई किरदारों से रोज पहचान होती है,
धीरे धीरे दुनियादारी की समझ समझ जाते है,
बातों से ज्यादा ख़ामोशी को चुनते है,
खामोश रहकर अपने दिल की बात दिल में ही ऱह जाती हैं
ऐसे ही कुछ खामोश बातों को पन्नों पे उतार कर सहलेखकों ने अपनी दिल की बात बयां की हैं।