ज़िंदगी में किसी न किसी को किसी न किसी से कम से कम एक बार प्यार जरूर होता है, और उसे जब प्यार होता है वो जब उस को महसूस करता है तो उसे सब नया-नया सा लगने लगता है और ज़िन्दगी को जीने में और भी मज़ा आने लगता है। पर प्यार का होना अलग बात है और उसका मिलना अलग, किसी को उनका प्यार छोड़ जाता है तो किसी को वक़्त और हालात ऐसे मक़ाम पर लाकर खड़ा कर देते हैं जहां से उनको आगे बढ़ पाना मुश्किल हो जाता है। श्रेष्ठ और दर्श भी ऐसे ही मक़ाम पर आकर खड़े हो जाते हैं।
महरूम कहीं की भी किसी की भी कहानी हो सकती है, महरूम कोई भी हो सकता है....