'' मैं बेजुबान हूँ'' हिंदी व अंग्रेजी में राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह में मैं अपनी बेहद गौरवान्वित व खुशी महसूस कर रहा हूँ कि - आप सभी साहित्यकार, लेखक/लेखिका, कवि/कवयित्रीयों, ने जो अपनी कविता प्रेषित किये है और आप सभी की उम्दा श्रेष्ठ रचनायें सत प्रतिशत पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करेगीं और दिल जीत लेगी यह राष्ट्रीय साझा काव्य संग्रह हिंदी व अंग्रेजी में संय़ोजित किया जा रहा जो इस काव्य संग्रह के सदस्य के रूप में अपनी भागीदारी निभाकर अपना अतुलनीय योगदान सहयोग कर बेहतरीन और सुंदर ही मोहक कविता रचनायें / संदेश भेजे है जो बिल्कुल भी समाज को एक नई दिशा प्रदान करेगी और स्वच्छ छवि की तरह आईना दिखाता हुआ प्रतीत होगा जिसकें स्वरूप यह बुक एक यादगार और स्मरणीय रहेगा जो हमारे समाज परिवार में जन्म से लेकर मरण तक संस्कार करते हैं और अपनाते उनसे यह अनोखा और अलग सा पहचान के रूप में स्पष्ट रूप से संसार में जितने भी बेजुबान जीव जंतु है जिसे बंधन में रखकर अपनी शान शौकत दिखाने के लिए यह नाना प्रकार के वेदना दे रहे हैं।