प्रस्तुत पुस्तक भारत के विभिन्न राज्यों के लेखकों एवं कवियों की स्वतंत्र अभिव्यक्तियों का एक संकलन है, जो मजदूरों की दयनीय स्थिति, उनकी समस्याओं, दुःख-तक़लीफ़ों की ओर पाठकों की संवेदनाओं को जागृत करने का एक प्रयास है, जिससे हम सभी उनकी समस्याओं को समाप्त करने की दिशा में सार्थक प्रयास कर सकें एवं एक जागरूक नागरिक और संवेदनशील लेखक होने के उत्तरदायित्व का निर्वहन कर सकें। समस्त प्रकाशक एवं संपादक मंडल द्वारा इस पुस्तक को त्रुटिरहित बनाए रखने का पूरा प्रयास किया गया है। यह पुस्तक प्रतिवर्ष 1 मई को मनाए जाने वाले 'अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस' पर प्रकाशित की गई है।