भजन और कीर्तन शरीर, मन और आत्मा तीनों को एक साथ आनंदित करने के साथ परमात्मा से जोड़ने का कार्य करते हैं । कुछ लोगों को लगता है कि उनकी राग अच्छी नहीं है इसलिए वे भजन नहीं गाते किंतु यदि वे ईश्वर पर विश्वास करते हैं तो मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि भजन गाने के लिए राग कि नहीं भाव की आवश्यकता पड़ती है ।
भजन कीर्तन में यदि भाव जुड़ गया तो स्वतः आनंद और परमात्मा अनुभूति मिलने लगती है ।
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