इस किताब को लिखने की प्रेरणा मुझे अपने घर के आस पास रहने वाले उन बेजुबान जानवरो से मिली है जो मुझे पहचानते है, जी हाँ !! वे बेजुबान जानवर मुझे अच्छी तरह जानते और पहचानते है अजीब है न क्यूँ की हमें न ही तो उनकी भाषा आती है न ही उन्हें हमारी, लेकिन आस पास के जानवर जैसे कुत्ते, गाय इत्यादि इन्हे केवल एक बार प्यार से भोजन खिला दो फिर आप भूल जाओगे लेकिन ये उस व्यक्ति का एहसान नहीं भूलते। यदि आपने कभी इनकी आँखों में झाँकने की कोशिश की हो तो आप पाएंगे की इनका दिल बड़ा ही मासूम है। इसी मासूमियत से प्रभावित होकर एक ऐसी कहानी आपके सम्मुख रखना चाहता हूँ जो एक राजा और हाथी के अथाह प्रेम को बयान करती है।