जिंदगी जीने के लिए जरूरी है खुशी,
ग़म के बादलों को छांटने के लिए जरूरी है खुशी।
आज के वक्त में क्यूं कोई सच में खुश नहीं है? क्यूं दुखों के बवंडर में सभी घिरे हुए हैं सभी ?
दु:ख - निराशा और खुशी तो जिंदगी के सिक्के के दो पहलू हैं। फिर हम बस एक ही क्यूं देख पाते हैं? क्या कोई दु:ख इतना बड़ा हो सकता है , जिसके बाद कभी जिंदगी में खुशी की बहार ही ना आए ? नहीं ना..... फिर क्यूं हम उसी के पिछे पड़े रहते हैं? क्यूं हम कोशिश नहीं करते उसके बाद खुश रहने की ? दिखावे की हंसी- खुशी हम करते- करते ये भूल ही गए है कि सच में खुश रहना भी कुछ होता है । या फिर हम मान चुके है इन झूठे फ़सानों को सच जो हमें यह सोचने ही नहीं देते कि हम सच में खुश है भी या किए जा रहे है किसी और को दिखाने के लिए बस झूठे नाटक।
हमारा यह संकलन मसर्रत लाया है आपके लिए खुशी के अलग-अलग मायने, खुश रहने के कुछ अनोखे तरीके।