ज़िन्दगी एक खूबसूरत सफ़र है। इस सफ़र में अच्छे व बुरे तरह-तरह के अनुभवों को संजोते हुए हम जब इसके आखिरी पङाव पर पहुँचते हैं तब मन में विचारों का तूफान उठता है। मन द्रवित हो उठता है यह सोचकर कि हमारे अपने जिनका साथ हमारे लिए इतना महत्वपूर्ण था कल हमारे साथ नहीं होंगे। लेकिन ज़िन्दगी की हकीकत बस इतनी सी है कि इंसान पल भर में याद बन जाता है। जीवन का ये कड़वा सत्य है कि ज़िन्दगी किसी के जाने से रूकती नहीं है। न हमारी रूकी न किसी और की रूकेगी हमारे लिए। अगर आप सच में चाहते हो कि समय रूपी मिट्टी की परतों के नीचे दब कर आपका नाम धूमिल न हो तो जीवन को सार्थक बनाओ । कुछ ऐसा करो कि आपके जाने के बाद भी आपका नाम सदैव जीवित रहे। लोग आपको एक उदाहरण के तौर पर आजीवन याद रख सकें। जीवन का वास्तविक मूल्यांकन तभी होगा जब आप जीवन को काटोगे नहीं अपितु जीयोगे।
जीवन में दूसरा मौका व मुश्किल ही मिलता है इसलिए जो मिला है उसे कल के आसरे मत गंवाओ । कल किसने देखा है। कल आयेगा जरूर किन्तु आप उसमें होंगे या नहीं ये किसी को नहीं पता। इसलिए जीवन आज में जियो। जीवन छोटा ही सही पर परिपूर्ण हो।
अपने आखिरी पल में जहाँ एक तरफ अपनों से बिछड़ने का दुख हो वहीं दूसरी ओर अपने जीवन को सफलतम बनाने की मुस्कराहट भी हो। आपको ये पछतावा न हो कि काश मुझे कुछ पल और मिल जाते तो मैं .....
जिन्दगी के सही मूल्यांकन पर प्रकाश डालता ये कथानक आपको कहीं न कहीं जरूर छू लेगा।
इसी आशा के साथ
आरोही सक्सेना