बचपन से ही साहित्य में रुचि थी। कक्षा 8 में जब मैं तालुका में प्रथम आई कविता लिखने में तो इस क्षेत्र में आगे जाऊंगी ऐसा लगा। ओहि से मेरी कविता लिखने की यात्र का आरंभ हुआ। जो तकलीफे और खुशियों को महसूस की उन्हे शब्दो में उतार दी। मुझे मातृप्रेम और बेटी बचाओ , दहेज इन विषयों में अधिक रुचि है। एक हुनर सब में होता उसे आगे लाने के लिए एक मार्गदर्शक की जरूरत होती है मुझे मेरे गुरु ने मार्गदशक दीया और मेरी माता ने सहयोग दिया । आज जो भी लिख रही हूं उसका श्रेय मेरी माता को है।
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