नई सोच नई उड़ान हिंदी कविता माला एक ऐसा संग्रह है जिसमें जीवन की सच्चाई ,समाज की खाई ,सामाजिक विषमता, राजनीतिक कुरीति, भ्रष्टाचार, सैनिक का सम्मान, वीरगाथा ,पूर्वजों का कृत्य, इन सभी को समाहित करते हुए यह आपके हाथ में गागर में सागर भरने का भरपूर प्रयास किया गया है
इसे सुने, मनन करें, और अपना कमेंट अवश्य दें,
संक्षिप्त परिचय
कमलेश झा जी का जन्म बिहार प्रांत के भागलपुर जिला अंतर्गत नगरपारा ग्राम में एक साधारण से परिवार में हुआ l इनके पिताजी शिक्षक थे प्रारंभिक शिक्षा इनका गांव और आसपास के ही स्कूल में हुआ फिर उच्च शिक्षा के लिए यह बिहार प्रांत के मुजफ्फरपुर में गए इन्होंने साइंस के साथ-साथ टेक्निकल ग्रेजुएशन किया फिर रोजी रोजगार के तलाश में दिल्ली अये और दिल्ली के ही होकर रह गए इन्होंने आगे की शिक्षा मास्टर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन(MBA) हासिल किया और अपने रोजी रोजगार में लगे रहे इनका साहित्य से बहुत ज्यादा कभी वास्ता नहीं रहा, लेकिन जीवन के विभिन्न पड़ाव पर कभी ना कभी कुछ ना कुछ लिखते रहे , वह मोड़ तब आया जब इनके पिताजी का निधन हुआ और विचारो का सैलाब सा आया और उसके बाद ही इनके हाथ में लिखनी आई और जो कविता माला आपके सामने उपस्थित है यह उसी का परिणाम है ,और जो अब एक नई सोच और नई उड़ान के साथ आपके सामने पुस्तक के रूप में प्रस्तुत है