‘पद्य प्रसून’ एक साझा काव्य संग्रह अत्यंत रोचक एवं सरस है जो पाठक के हृदय को आनन्दित करने वाला है। इसमें कुल सत्रह श्रेष्ठ कवियों की तैंतीस से अधिक श्रेष्ठ रचनाओं का काव्य संग्रह किया गया है जिसमें रचनाकारों ने सामाजिक सारोकार, सामाजिक समरसता, संस्कृति, मानवता व संवेदनाएं एवं नारी विमर्श जैसे अनेक विषयों पर बड़ा ही सरल एवं बोधगम्य शैली में लेखनी चलाई है। समस्त रचनाओं का भाव पक्ष एवं कला पक्ष अत्यंत सुन्दर एवं रोचक है। भाषा शैली परिमार्जित एवं उत्कृष्ट है। अलंकार योजन एवं रस संयोजन को बहुत ही सलीके से निरूपित किया गया है।