मानव के जीवन में उसके अस्तित्व का आधार है प्रकृति!! पंच तत्व (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) से मिलकर बनी ईश्वर की अद्भुत रचना है प्रकृति..
प्रकृति अपने गर्भ में यूं तो अनेकों रहस्य छिपाए हुई है और देखा जाए तो पृथ्वी का कण-कण जादुई है सूर्य, चंद्रमा, तारे, भूमंडल सागर, नदियां, पेड़-पौधे पशु-पक्षी सभी खुद में रहस्य और जादु से भरे हुए है जिनके सानिध्य में मानव ने अनेक भोगों को भोगा और अपार आनंद एवं सुख के साथ बहुत कुछ सीखा भी है।
जब ईश्वर ने प्रकृति की रचना की तब इसकी देखभाल के लिए मनुष्य को बनाया और नासमझ मनुष्य ने पृथ्वी को सिर्फ अपने उपभोग की वस्तु समझा और इसका दुरुपयोग किया इसीलिए उसे समय_समय पर पृथ्वी के कहर रूपी भूकंप, प्रलय, और बाढ़ को भी झेलना पड़ा।
इस पुस्तक के संकलन का एकमात्र उद्देश्य है, प्रकृति की वास्तविक अहमियत का बोध कराना। कोरोना के प्रकोप के बाद मानव का संभलना जरूरी है और प्रकृति के हित में कदम उठाने आवश्यक है, "प्रकृति- एक जादुई पिटारा" में हमने आंशिक प्रयास किए थे प्रकृति का महत्व वर्णित करने के। उसी प्रयास में एक और कदम बढ़ाते हुए हम लेकर आए हैं "प्रकृति - एक जादुई पिटारा 2" आशा करते है आपको हर कविता में महसूस होगी, प्रकृति को एक वरदान के रूप में।।