प्रार्थना दरअसल निर्बल की सबसे बड़ी शक्ति है। प्रार्थना के स्वर में गुथी वेदना ह्रदय को बींध देती है। जब सारे उपाय निष्फल हो जाते हैं तो प्रार्थना ही सहारा बनती है। प्रार्थना के आप्त स्वर ईश्वर तक पहुंचते अवश्य हैं। प्रार्थना सकारात्मक ऊर्जा का भी उत्तम स्रोत है। मन में उमड़ रहे भावों को शब्द चाहिए होते हैं। जब किसी सुंदर प्रार्थना में वो शब्द मिल जाते हैं तो फिर आवाज़ कंठ के साथ ही ह्रदय से भी निकलती है।जब किसी सुंदर प्रार्थना में वो शब्द मिल जाते हैं तो फिर आवाज़ कंठ के साथ ही ह्रदय से भी निकलती है। इसीलिए प्रचलित प्रार्थनाओं के अलावा कुछ प्रार्थना-गीत जब भावों को उस स्तर पर छू पाए तो वो बहुत मशहूर हो गए।