भारत में मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना के आधार बने पृथ्वीराज चैहान व उनके विनाश का कारण बनी संयोगिता के प्रेम प्रसंग से सम्पूर्ण भारत परिचित है, किन्तु इस प्रेम सम्बन्ध से जिन कष्टों, कठिनाईयों व दुःखों की उत्पत्ति हुई, कितने वीरों के लहू से धरती ने अपनी प्यास बुझायी और जनता एक लम्बे समय तक गुलामी की जंजीरों में जकड़ी रही, इन घटनाओं से इतिहास के असंख्य पृष्ठ लाल हुए पड़े हैं।
उसी इतिहास की घटनाओं को संक्षेप में संजोकर, प्रस्तुत पुस्तक ‘पृथ्वीराज चैहान’ के माध्यम से, पाठकों के समक्ष तत्कालीन रोंगटे खड़े कर देने वाली सच्चाई को रखा गया है।