"प्रियवंदा" एक ऐसी प्रिय भाषा वाली किताब जहां जितने भी लेखक है उनके विचार अति उत्तम प्रगतिशील हैं। इन विचारो से सबकी जिंदगी रोशन होगी और मन सुगम मार्ग पथ प्रदशीत करेगी। किताब में समस्त कवि और कवियत्री उम्दा विचार सात्विक संग सात्विक प्रवृत्ति के है और रचनाएं कवियो के द्वारा रचित और उनके अनुभव के एहसास हैं जिसमे उन्होंने अपने जीवन के अनमोल पलो एहसास समेत अल्फाज में पिरोने को संपूर्ण कोशिश की है। और ये रचनाएं सबके मन को भाएगी और वैसे भी भाव होगे जो एक लेखक के है। और यह किताब सबको एक जुट करने का संपूर्ण कोशिश करेगी। तो आप इस किताब के एहसास से अपने एहसास को जाने और कविता की गहराई को समझे। आशा करते है ये किताब आपके मन को रोशन करेंगी।