हम जानते हैं कि चाहे हम जितना भी कोशिश कर लें मगर माँ का कर्ज़ कभी भी नहीं चुका सकते। लेकिन हम इतनी कोशिश ज़रूर कर सकते हैं जिससे हमारी माँ के चेहरे पर मुस्कान आ जाए।
और यह साझा-संग्रह (प्यारी माँ) एक हमारी छोटी-सी कोशिश है अपने माँ को खुश करने की और उसके चेहरे पर मुस्कान लाने की।
इस साझा-संग्रह में कुल 31 सह - लेखकों एवं लेखिकाओं ने मिलकर अपने शब्दों और विचारों से माँ के ऊपर रचनाएं रचि हैं। और इस पुस्तक को निरज यादव ने संकल किया है। और प्रियंका महंत जी ने शुद्धिकरण किया है। इस पुस्तक में हर रचना माँ के विषय पर ही है। और आपको यह पुस्तक पढ़ने में इतना आनंद आएगा वो हम बता नहीं सकते।
तो देर किस बात की? आज ही ऑर्डर करें और इस पुस्तक को अपने घर मंगाए।