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Saanse / अभिज्ञा:

Author Name: Saima | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

यह कहना था तुमसे कि जब भी तुम आना, थोड़ा सा इत्र जरूर लगाना!

हाथ थाम के मेरा थोड़ा मुस्कुरा ना ,

गले से लगाकर धड़कने सुनाना !

मैं खो जाऊँगी बाहों में तुम्हारी , तुम हाथों से अपने मेरे बाल सहलाना।

तुम्हारी पसंद का झुमका ले रखा है मैंने, कानों में प्यार के दो शब्द कहके उन्हें पहनाना ,

ये कंगन ये बाली ये पायले सब इंतज़ार कर रहे हैं तुम्हारा ,

इस बार शाम मे भी थोड़ा वक्त बिताना ।

काला सूट पहनके आऊँगी मैं, माथे पे बिंदी अब तुम लगाना ,

श्रृंगार अधूरा उस दिन रहेगा मेरा, हाथों से अपने मुझे सजाना ।

माना कि उस दिन, दिन जल्दी ढ़ल जाएगा ,

तुमसे दूर अब मुझसे नहीं रहा जाएगा ।

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श्रेया श्रीवास्तव

श्रेया श्रीवास्तव वर्तमान में उत्तर प्रदेश के कानपुर की निवासी है। लोगों की समसामयिक समस्याओं के बारे में लिखकर उनके दिल को छूने की कोशिश करती हैं। इसके अलावा इनके द्वारा लिखी  श्रृंगार रस की कविताएं सभी  के मन को लुभाती है। 19 वर्षी श्रेया कक्षा ६ से लिख रही है। अमृत प्रभात एवम् अमर उजाला जैसे अन्य अखबारों में इनकी कविताएं प्रकाशित हुई है । साल 2022 में इनका नाम मैजिक बुक ऑफ रिकॉर्ड में बेस्ट राइटर के रूप में दर्ज किया गया है एवम् पुरस्कार से नवाजा गया है ।

इनका मानना है कि क्रांति सिर्फ बंदूक से नहीं कलम से भी लाई जा सकती है। ये दिमाग की सिलवटों को स्याही से मिटा, कलम की धार से शब्दों को कागज़  पे उतारती है ।

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