यह कहना था तुमसे कि जब भी तुम आना, थोड़ा सा इत्र जरूर लगाना!
हाथ थाम के मेरा थोड़ा मुस्कुरा ना ,
गले से लगाकर धड़कने सुनाना !
मैं खो जाऊँगी बाहों में तुम्हारी , तुम हाथों से अपने मेरे बाल सहलाना।
तुम्हारी पसंद का झुमका ले रखा है मैंने, कानों में प्यार के दो शब्द कहके उन्हें पहनाना ,
ये कंगन ये बाली ये पायले सब इंतज़ार कर रहे हैं तुम्हारा ,
इस बार शाम मे भी थोड़ा वक्त बिताना ।
काला सूट पहनके आऊँगी मैं, माथे पे बिंदी अब तुम लगाना ,
श्रृंगार अधूरा उस दिन रहेगा मेरा, हाथों से अपने मुझे सजाना ।
माना कि उस दिन, दिन जल्दी ढ़ल जाएगा ,
तुमसे दूर अब मुझसे नहीं रहा जाएगा ।