वर्तमान की युवा पीढ़ी जो ज्यादा से ज्यादा सोसल मीडिया पर ही रहती है तो उनके लिए यह पुस्तक है जिसमें दूनियादारी,प्रकृति,प्रेम,धोखा, देश_विदेश,घर_बहार,अमीर_गरीब,ऊँच_नीच,हर तरह की प्रवृति की कविताएँ शामिल है जिनको पढ़ कर वो खुद को जागृत कर सकते हैं दूसरो की भावनाओं की एहमियत समझ सकते हैं और सबसे बड़ी बात वो भी लिखना सिख सकते हो और आगे बढने की प्ररेणा ले सकते हो ।हम देखते है की वर्तमान में जैसे पुस्तको को पढ़ना हम कही भूल ही गये है उसको वजह है यह बढता सोसल मीडिया की तरफ आकर्षण,,जहाँ एक और हम पुस्तकों से स्वयं से जुड़ते है समाज,देश,परिवार के बारे मे जानते है वही सोसल मीडिया से इन सब से दूर हो जाते है ।
समय हर पल बदल रहा है ,संसार हर क्षण परिवर्तित हो रहा है, किताबो मे हर वक्त कुछ नया लिखा जा रहा है ,शब्दो का शब्दकोश तैयार हो रहा है,लोगो के मिजाज बदल रहा है,तो फिर इन सभी बदलावो के साथ हम भी कुछ नया लिखते है कुछ नया पढते है और आने वाली नई पीढ़ी के लिए एक नया साहित्य रचते है
इस पुस्तक में कुछ कविताएँ ऐसी है जिनको पढ़कर आपको लगेगा की आप अपने आज से कही बिछड़ गये है तो आपको खुद को खोजना है कुछ बनना है तो इस पुस्तक की हर कविता कुछ ना कुछ जरूर सिखाती है ।
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