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SAN SATTAVAN (ANSUNI DAASTAAN) / सन् सत्तावन (अनसुनी दास्तान)

Author Name: Ashraf Jamal | Format: Hardcover | Genre : Literature & Fiction | Other Details

ये दास्तान हमारी पहली जंग-ए-आज़ादी की सच्ची घटनाओं की नींव पर कल्पनाओं की ईंट से रची गयी है। ये एक कोशिश है उस वक़्त के कुछ कम मशहूर क्रांतिकारियों की क़ुर्बानियों को आपके सामने पेश करने की, जिन्हें आज के इतिहासकारों ने किन्हीं वजहों से कम तरजीह दी। ये उस वक़्त के आमजनों के एहसासों, कोशिशों और बलिदान को कल्पना के पाँव देकर आप तक पहुँचाने की कोशिश है। ये दास्तान हमारी समृद्ध संस्कृति और दौलतमंद तारीख़ की गवाह है। ये दास्तान हमारे मुल्क में बहने वाली ज्ञान की हर धारा का संगम है। ये दास्तान न कि सिर्फ़ पुरुष और महिला नेताओं के कारनामे आपके सामने रखती है बल्कि पर्दे के पीछे अपना सब कुछ गँवा देने वाली औरतों की कहानी भी पेश करती है। ये भारत माँ के बेटों के बीच पनप आयी खाई को कुछ कम करने की कोशिश है, जिसकी आज हमारे वतन को सख़्त ज़रुरत है।

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अशरफ़ जमाल

एस. एम. अशरफ़ जमाल एक आईटी प्रोफेशनल हैं, जो कि वाराणसी में जन्में और पले बढ़े। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट्रल हिन्दू स्कूल बी. एच. यू. और बी. टेक कानपुर विश्व विद्यालय से पूरा किया। बनारस की गलियाँ और आबो हवा आपके अंदर के सुख़नवर, लेखक और कलाकार को अपने आप जगा देती है और ये बनारस का ही असर था, जो उन्होंने कम उम्री में ही लिखना शुरू कर दिया था। उनकी शुरू से ही इतिहास को जानने और समझने में दिलचस्पी रही, लेकिन वो ऐतिहासिक घटनाओं को उसी काल खंड और उसी वक़्त के पैमानों पर जानना और समझना ज़्यादा पसंद करते हैं। गंगा घाट पर हिंदू मुस्लिम एकता की साझा संस्कृति में पले बढ़े होने का असर उनकी भाषा और लेखन में साफ़ झलकता है। 

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