सभी के जीवन की एक अपनी कहानी होती है, जिसे वो पन्नों पर उतारते है, पर मेरी ऐसी कोई खास कहानी नहीं है, ये मेरे पिछले दो साल का सफर है, जिसे मैंने अपनी इस पुस्तक "शाश्वतता" में दर्शाने का प्रयास किया है। "शाश्वतता" नाम मुझे मेरी पुस्तक के लिए इसीलिये सही लगा क्योंकि इसका मतलब है निरंतर चलने वाला और कविताएं हमारे जीवन एक ऐसा भाग है जो बचपन से लेकर पूरी जीवन भर हमें पढ़ने को मिलती है इसका कोई अंत नहीं है, चाहे वह कविता श्रृंगार रस की हो, वीर रस की हो या किसी सामाजिक मुद्दे पर हो।
"शाश्वतता" में मैंने हर विषय पर कविताएं लिखी हैं, जो निरंतर चलेगा चाहे वो प्रेम भाव के बारे में हो, श्रृंगार के बारे में हो, सदा रहने वाले उस समाज के बारे में में हो और कुछ लोग जो सदा हमारे मन में रहेंगे उनके बारे में हो, मैंने इन सभी के बारे में लिखने कि कोशिश की है।
आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी लिखी यह कविताएं अवश्य पसंद आएंगी।