शायद
हारते वक्त हमने देखा था, ज़िंदगी सामने खड़ी मुस्कुरा रही थी। हम चाहते तो उसे आवाज दे सकते थे, पर हमने हार को चुना। हमें अपना जमीन पर औंधे मुँह पड़े रहना बेहतर लगा। जहाँ से पुरा आसमान साफ दिखता था, रातों को तारें चमकते थे, चाँद मुस्कुराता था और हम एक दुसरे की हथेलियों पर परछाई बनाते थे। जिसकी शक्ल हुबहु जिंदगी से मिलती थी।
ये कविताएं हैं, शायद कविता ही है जहाँ मैं पुरा जिया हूँ, पुरा का पुरा बिना किसी बहाने के।
यहाँ मैं हूँ, सिर्फ मैं और सिर्फ मेरे लिए। मेरी शक्ल जिंदगी की परछाईं से मिलती है और शायद आपकी भी, चलिए देख लेते हैं।
Unité Publication एकल पुस्तक, संकलन, उपन्यास आदि प्रकाशित करता है, जिसे उच्चतम और नवीनतम प्रयासों के द्वारा अथक रूप से कुशलतापूर्वक किया जा रहा है। इसका एकमात्र उद्देश्य 'नवोदित लेखकों को अवसर और सर्वोच्च मंच प्रदान करना है ताकि वे अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने पेश कर सकें और इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।
अधिक जानकारी के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं: इंस्टाग्राम: @unite.publication_
ईमेल: unitepublicationrn@gmail.com