परिपक्वता एवं विकास
विकास के सिद्धांत एवं चुनौतियाँ
विकास के आयाम : शारिरिक, संज्ञनात्मक, सामाजिक-भावनात्मक विकास
विकास की विभिन्नता एवं इसके चरण
किशोरावस्था की आवश्यकता की समझ, शैक्षिक सहायता की चुनौतियाँ एवं आशय
प्राथमिक एवं माध्यमिक सामाजीकरण संस्थाओं की भूमिका
अधिगम व्यवहारवाद पर सैद्धांतिक दृष्टिकोण, संज्ञानवाद एवम रचनावाद के विशेष सन्दर्भ में- 1.शिक्षक की भूमिका 2. अधिगमकर्ता की भूमिका 3. शिक्षक एवं शिक्षार्थी के सम्बन्द्ध की प्रकृति 4. शिक्षण विधियों के चयन की स्वतंत्रता 5. कक्षा का वातावरण 6. अनुशासन शक्ति की समझ इत्यादि