जो सरहदों पर खड़े दिन रात ,
छोड़कर अपनी भावनाओं का साथ,
लेकर आए हैं हम इनकी जिंदगी ,
बनाकर कई हाथों के साथ।।
"हर वक्त जान को हाथ मे लिए वो नोजवाँ देश पर न्यौछावर रहता है, इश्क मुहोब्बत की बात करे तो वो खुद को "देश प्रेमी" कहता है।।"
जिस प्रकार हम डॉक्टर को ईश्वर मानते हैं उसी प्रकार हमारे रक्षक देश की सीमा पर खड़े वीर जवान सैनिक भी हमारे लिए ईश्वर है ।वह अपने जीवन की सारी खुशी त्याग कर सीमा पर आपातकालीन सेवा में उपस्थित रहते है।
कहते है कि हमारे ऊपर रक्षा करने हेतु ईश्वर हैं, किन्तु धरा पर हमारे प्राणों के रक्षक जो ईश्वर हैं वहीं हमारे देश का एक - एक सैनिक है जो अपनी बूढ़ी माता की ममता से दूर ,बूढे पिता के साथ से दूर, अपने संगिनी साथी से दूर इस देश के सभी माता पिता देश की मिट्टी के लिए , तिरंगे की आन -बान शान के लिए हर तत्पर रहता है।