यही दिल करता है प्यारी परवीन जी का जिसे मैंने उनकी रचनाओं में महसूस किया। आज विवाह की 25सवीं वर्षगांठ पर परवीन जी ने अपने व अपने जीवन साथी, वीरेंद्र जी के साथ जो प्यार विश्वास और समर्पण अंकित किया है, वह आदर्श है सभी के लिए कि किस तरह जीवन की गाड़ी भरोसे के पहिए पर चलती है। पति-पत्नी एक दूसरे के पूरक होते हैं। अंगूर के दाने जैसी होती है उनकी ज़िंदगानी और ज़िन्दगी का सिकन्दर तो वही होता है जो उसकी सभी चुनौतियाँ स्वीकार करे व उसे धैर्य, धीरज, धर्म, हरि कृपा व मेहनत से जीवन का हर पल जिये । परवीन जी का प्रत्येक शब्द उनके प्रेमी हृदय का दर्पण है। एक समंदर है जो नेह से लबालब है। जीवन साथी का साथ हमें पूर्णता प्रदान करता है। उसके साथ प्रगाढ़ सम्बन्ध जीवन की नींव को मजबूत बनाते हैं। प्रेम से भीगा मन ज़िन्दगी के सारे सुख - दुःख को साथ ले कर चलने के काबिल बना जाता है। रजत जयंती है परवीन जी,,,, सोने जैसे दिन रहें, चांदी सी हों रातें, मुस्कान के कचनार खिलें, खुशियों के खिलें पलाश, अपनों का आशीष रहे, हरि की कृपा हो अपरम्पार जीवन का मधुबन खिले दिन प्रति दिन बेशुमार शादी की 25वीं वर्षगांठ पर मेरी स्वर्णिम बधाईयां । मनमोहने दंपति । । । ।
नेहा त्रिवेदी
रायपुर छतीसगढ़