‘सोनपरी’ एक दिवंगत बालिका के आद्यंत जीवन का काव्यात्मक शैली मे सजीव चित्रण है। इसमें कुल 23 अध्याय हैं जो पूरी तरह से बच्चों की अभिलाषा को पूर्ण करने तथा मानव जीवन के वास्तविक महत्व को पूरी तरह से दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं। कविता में वात्सल्य भावनाओं को बड़े ही मार्मिक ढंग से पिरोया गया है। पुस्तक के कई सर्ग केवल बच्चों को ही नहीं अपितु बड़े या समस्त अभिभावकों के लिए आदर्श का बोध करा रहे हैं।