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Sonpari / सोनपरी

Author Name: Ramesh Singh Yadav 'maun' | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

‘सोनपरी’ एक दिवंगत बालिका के आद्यंत जीवन का काव्यात्मक शैली मे सजीव चित्रण है। इसमें कुल 23 अध्याय हैं जो पूरी तरह से बच्चों की अभिलाषा को पूर्ण करने तथा मानव जीवन के वास्तविक महत्व को पूरी तरह से दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं। कविता में वात्सल्य भावनाओं को बड़े ही मार्मिक ढंग से पिरोया गया है। पुस्तक के कई सर्ग केवल बच्चों को ही नहीं अपितु बड़े या समस्त अभिभावकों के लिए आदर्श का बोध करा रहे हैं। 

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रमेश सिंह यादव 'मौन'

रमेश सिंह यादव ‘मौन’ पक्खनपुर (गाजीपुर), उत्तर प्रदेश में जन्मे एक शिक्षक व स्वतंत्र शोधकर्ता हैं। श्री मौन ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से स्नातकोत्तर (कीट विज्ञान) की उपाधि प्राप्त किया है और यहीं से दो वर्ष से अधिक समय तक शोध भी किया। ये भोजपुरी, हिन्दी और अङ्ग्रेज़ी में रचनाएँ करतें हैं। ‘नव काव्यकुञ्ज’ आपकी हाल ही में प्रकाशित हिन्दी काव्य संग्रह है। रमेश सिंह यादव ‘मौन’ साहित्य सरोज पत्रिका के उप संपादक (कृषि) भी हैं। दो दर्जन से ज्यादा कवितायें और शोध पत्र विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। 

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