सि. डॉ. मेरी ग्रेस शिक्षा जगत में एक सुविख्यात शख्सियत हैं। वह उर्सुलाइन इंटर कॉलेज की प्राचार्या हैं। वह एक कुशल प्रशासक हैं, बेहतरीन वक्ता और सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् हैं। अपने कुशल नेतृत्व से उन्होंने उर्सुलाइन इंटर कॉलेज को एक नया मुकाम दिया है। उनकी लगन और दूरदर्शिता का परिणाम है कि उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से विभूषित होने का गौरव हासिल है।
उन्हें शिक्षा, शिक्षण और स्कूल-कॉलेज प्रशासन का बहुत लंबा अनुभव प्राप्त है। इन्हीं अनुभवों पर वह अपनी लेखनी निरंतर चलाती रही हैं और विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपके लेख निरंतर प्रकाशित होते रहते हैं। ‘शिक्षा का सही स्वरूप’ आपकी एक सुप्रसिद्ध पुस्तक है। शिक्षा के विभिन्न पहलूओं पर आपके 31 सारगर्भित लेख इस पुस्तक में संकलित हैं। शिक्षा जगत से जुड़े हर शख्स के लिए यह पुस्तक पठनीय है।
कोरोना काल में लेखन की एक नई विधा पर उन्होंने अपनी लेखनी चलाईं। इसके पहले उन्होंने कविताएं नहीं लिखी थीं लेकिन कोरोना काल में उन्होंने काव्य लेखन में अपना हाथ आजमाया और अपने उत्कृष्ट लेखन से सबको आश्चर्यचकित कर दिया।
इस संकलन में आपकी दस छोटी-बड़ी कविताएं संकलित हैं। किसी विषय पर कितनी गहराई और सोच के साथ लिखा जा सकता है, उसका प्रत्यक्ष प्रमाण है यह संकलन। आप पढ़ें, व्यापक फलक पर लिखी ये कविताएं आपको बहुत प्रभावित करेंगी।