यह पुस्तक किसी भी जाति, धर्म या समाज को संबोधित नहीं है। यह पुस्तक एक काल्पनिक कहानी है जो जीवन के कुछ अवसरों पर आधारित है। इस पुस्तक के सभी पात्र काल्पनिक हैं जो सिर्फ अपनी पात्रता से एक अच्छी शिक्षा की व्याख्या दे रहे हैं। इस पुस्तक के द्वारा एक संदेश दिया गया है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में उसे अपने स्नेही-जनो का एक अच्छा. या बुरा अनुभव होता है। हर व्यक्ति के जीवन में आते हर परिवर्तन उस व्यक्ति को मजबूत बनाता है। इस पुस्तक के साथ, वाचक को परिवार की एकता, भाई बहन के प्यार और उनके साथी की एक वास्तविक पहचान समझाने की कोशिश की गई है। स्व + अभिमान = स्वाभिमान, स्वाभिमान का एक शृंगार। जब कोई भी अपने व्यक्तित्व पर कार्य करता है, तो वह अपने आप में सकारात्मक ऊर्जा को संचारित करता है। यह ऊर्जा उस व्यक्ति में आत्म विश्वास को जागृत करती है और आत्म विश्वास से महँगा कोई भी आभूषण नहीं है! जब एक आत्मनिर्भर व्यक्ति सफल होता है, तो केवल एक परिवार ही नहीं, एक कुटुंब और समाज भी सफल होता है। इस पुस्तक ने अपने आत्मसम्मान को पाने के लिए लड़ाई को समझाया है।