"स्वदेश प्रेम" शब्द जिसका अर्थ है "अपने देश के प्रति प्यार" ! "स्वदेश " जिसका नाम आते ही हर भारतीय का हृदय उत्साह और उमंग से भर जाता है और हम स्वतः ही देश के प्रति त्याग, समर्पण और बलिदान के भाव से लालायित हो जाते है! "स्वदेश प्रेम" जिसमें 35 भिन्न भिन्न सह लेखकों ने देश के प्रति अपने प्रेम को प्रस्तुत किया है और अपने देश के प्रति हमारे नौजवानों तथा भारतीयों के प्रेम को बहुत ही बेहतरीन तरीके से दर्शाया गया है
हम सभी गौरवान्वित महसूस करते है कि हमने भारत जैसी पवित्र भूमि पर जन्म लिया, जिसकी धरा को गंगा नदी पवित्र करती है और पहरेदारी में हिमालय तत्पर रहता है! हमारे देश के वीर जवान हमारे देश की सीमा पर सदैव अपनों प्राणों की चिंता किये बगैर डटॆ रहते हैं और हमे देश प्रेम का पाठ पढ़ाते है।
सिर्फ सरहद पर जाना ही देशभक्ति नहीं ,बल्कि देश के हित में किया गया प्रत्येक कार्य देशभक्ति है और यही प्रेम देश के प्रति प्रेम दर्शाता है ।भारत के कण कण मे जय भारत माता गूँजता है यहाँ के मंदिर मस्जिद गिरजाघर में दिल हिंदुस्तानी बसता है भेदभाव से मुक्त इस देश का परचम संसार भर में लहरा रहा है ।इस तरह अपना भिन्न भिन्न रंग बिखराती रचना भारत के गर्भ में पनप रही है । देश का युवा जो भारत की नींव है अपने अल्फाजों में ही इतना वजन रखता है जिसे सुनकर दुश्मन का सीना छलनी छलनी हो जाये ।देश का प्रत्येक नागरिक का एक दूसरे के प्रति प्रेम भी देश प्रेम का ही रूप है ।
जय हिन्द जय भारत