यह किताब तुलसीदास के प्रसिद्ध दोहों पर आधारित है।
गोस्वामी तुलसीदास (1511 - 1623) हिन्दी साहित्य के महान सन्त कवि थे। रामचरितमानस इनका गौरव ग्रन्थ है। इन्हें आदि काव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है। श्रीरामचरितमानस का कथानक रामायण से लिया गया है। रामचरितमानस लोक ग्रन्थ है और इसे उत्तर भारत में बड़े भक्तिभाव से पढ़ा जाता है। इसके बाद विनय पत्रिका उनका एक अन्य महत्त्वपूर्ण काव्य है। महाकाव्य श्रीरामचरितमानस को विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्यों में 46वाँ स्थान दिया गया। तुलसीदास जी रामानंदी के बैरागी साधु थे।