वर्ष 2055 में, डॉ. प्रथम को एक नए कोरोनावायरस की खोज के लिए एक पुरस्कार मिलता है और वह वर्ष 2020 की यादों में खो जाते हैं। उस समय, वह छह साल के एक शरारती लड़के थे, जिसे पूरा परिवार प्यार से "भोलू" पुकारता था। वह बड़ा भयानक वक़्त था जब कोविड-19 नाम की बीमारी पूरी दुनिया में फैल रही थी। एकाएक भोलू का मस्त और अल्हड़ जीवन पलट गया। लॉकडाउन के दौरान उसको अपने घर में अंदर बंद रहना पड़ा। न तो वह अपने दोस्तों से मिल सकता था और न ही वह स्कूल जा सकता था। हर रोज़ उसको ऑनलाइन क्लास में बैठना पड़ता था। फिर एक रात, अपने बगीचे में, उसकी मुलाकात कोवी नाम के बेबी कोरोनावायरस से होती है। एक साथ खेलते हुए और विज्ञान के बारे में बातें करते हुए, एक प्यारी से दोस्ती की शुरुआत हो जाती है। कुछ दिनों के बाद भोलू कोवी से एक ऐसा वादा करता है जिससे भोलू का जीवन हमेशा के लिए बदल जाता है।