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ujala tree / उजला वृक्ष

Author Name: ujala | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

तीज त्योहार के अलावा होली ,दीपावली ,गणगोर ,शीतलाष्टमी आदि के आलावा यहा अनेक स्थानीय त्योहार भी मनाये जाते है.

यहा पर लोकदेवता गोगाजी ,पाबूजी ,रामदेवजी ,देवनारायणजी तेजाजी ,कलाजी के लोकजीवन का घर प्रभाव आमजीवन पर दिखाई देता है ,तो करणी माता ,जिणमाता ,शीलमाता ,आवडमाता अम्बामाता ,चोथमाता आदि देवियों का स्थान भी आमजन सर्वोत्तम है.

तीर्थराज पुष्कर नाथद्वारा, श्री महावीर जी, डिग्गी कल्याणजी, एकलिंग जी, कैलादेवी, खाटूश्याम, मेहंदीपुर बालाजी, अजमेर दरगाह आदि तीर्थस्थल जहाँ इसकी धार्मिक आस्था के प्रतीक हैं.

वहीँ नानारंगी हुडदंग, गैरों, गीदड़ों, डांडियों, रमतों, घुमरों, धमालो, ख्यालों, सांग तमाशों, घूसों बारूद भाटों के खेल बड़े अद्भुत और कड़क नजारे भी यहाँ के जनजीवन में देखने को मिलते हैं. इससे यहाँ की संस्कृति रंगीली लगती हैं.

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उजला

राजस्थान की धरा शौर्य गाथाओं, धार्मिक पर्वों, लोक आस्थाओं तथा सांस्कृतिक ऐतिहासिक परम्पराओं के कारण सम्रद्ध दिखाई देती हैं.

वहीँ यहाँ पट शिल्प कला, स्थापत्य एवं चित्रकला के साथ अन्य विशेषताओं से जन जीवन को जीवतंता एवं रंगीलापन दिखाई देता हैं. वेश भूषा एवं पहनावे में, आचार विचार आस्था विश्वास और आंचलिकता की छाप आदि में राजस्थान रंगीला दिखाई देता हैं.

राजस्थान

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