यह किताब रामायण कालीन वानर समाज और उनके राज्य के विषय में एक काल्पनिक कथानक है, इस किताब में वानरों के राजा बाली, उनके भाई सुग्रीव, और बाली की दैवीय पत्नी तारा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। उनके आपसी प्रेम, द्वेष, और संदेह से उत्पन्न वैर को आधार पर उनकी कहानी का सजीव चित्रण किया गया है। उस समय वानर, मानव, देव, और राक्षस कैसे इस धरा पर रहते थे? देव कौन थे? जैसे अनेक प्रश्नों के उत्तर को ढूंढ़ने का प्रयास किया गया है। वानरों के राजा बाली के राज्य और उनके शासन के प्रभावी तरीके का सकारात्मक वर्णन और विश्लेषण किया गया है। उनका अपनी पत्नी और पुत्र के प्रति लगाव, प्रेम, और राजा के सैद्धांतिक जीवन और राज्य की व्यवस्था के प्रति वानर राज बाली की प्रतिबद्धता का विस्तारपूर्वक विश्लेषण किया गया है। तारा का बाली के प्रति आगाध प्रेम, पुत्र, और राज्य के प्रति निष्ठा जिसके कारण हुए सुग्रीव से उनके समझौते के तहत हुए विवाह और उसके बाद बाली, सुग्रीव का बैर और राम के द्वारा बाली वध का वर्णन किया गया है। पूरे घटना-क्रम का एक वानर पात्र, मलंग, और महारानी तारा के माध्यम से एक कहानी या वृतांत की तरह उस समय के चित्रण का प्रयास किया गया है।