" विरांश "- विरल की कविताएँ और शायरियाँ। पुस्तक में स्त्री की रुपरेखा, पुरुष की पहचान, परिंदे ,कुदरत और परमात्मा, जीवन से बातचीत, प्यार, इश्क़ और मोहब्बत, जुदाई ,धोखा ,यादें और बेवफाई जैसे विषयों को साझा करते हुए सुन्दर कविताएँ लिखने का एक अदभुत प्रयास किया गया हैं।विरल ने जीवन में आई हताशा और निराशा को अपने पर हावी नहीं होने दिया एवं उन्नतिशील भविष्य की ओर एक कदम बढ़ाकर अपने लेखनी के सफ़र की पहली उड़ान ली जो कि है- "विरांश"।
विरल के अनुभव, भावनाएं, व्यथा, ताकत और कमज़ोरी सारे गुणों का मिश्रित भाव मतलब "विरांश"।
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