उम्र का एक ऐसा दौर, जब सब कुछ बदल सा जाता है दिल और दिमाग दोनों अलग अलग रह पर चलते हैं और हमें अपने बड़े ही अपने दुश्मन लगने लगते हैं। हालांकि, हम भली भांति ये समझते हैं, कि हमारे माता पिता से अधिक हमारे हित में कोई नहीं सोचता, किन्तु फिर भी क्षणिक सुख के आवेग में बहकर हम उनके विपरीत हो जाते हैं और कुछ ना ऐसा कर बैठते हैं जो जीवन भर हमारी स्मृतियों से ओझल नहीं होता।
उम्र के इस पड़ाव में शारीरिक और मानसिक बदलाव हम पर हावी रहते हैं और इसी दौर में मिले हुए अनुभव के किस्से हमारे जीवन का अहम हिस्सा बनकर हमें एक अविस्मरणीय सीख दे जाते हैं। "युवावस्था की दहलीज" पुलिंदा है ऐसी ही कुछ कहानियों का, जो हमारे लेखकों ने बड़े जतन से संजोई है। आशा है, कि पाठकों को ये कहानियां पसंद आएंगी और इन्हें पढ़कर कुछ ना कुछ सीख जरूर गृहण करेंगे।।