इस किताब में आपको संदीप सक्सेना जी के द्वारा लिखी गई ढेर सारी शायरी, कविताओं का एक संग्रह मिलेगा जिसे पढ़कर आपको जिंदगी के हर पढ़ाव की दुविधाओं और कठिनाइयों से अवगत होने में मदद मिलेगी। जिन्दगी अपने आप मे एक तजुर्बा है। जब आप होश संभालते है तो आप पाते है कि जैसे आप स्वप्न से यथार्थ मे आ गये । रेशमी सतह से उबड़ खाबड़ धरातल पर आ जाते हैं । हर तरह के अनुभव फिर वो अच्छे हो या बुरे पूरे तन्मयता से लेते है । ज़िन्दगी हर लिहाज़ से ही आपकी गुरु होती है जिससे हम ताजिंदगी ही सबक लेते रहते हैं। कहते है ज़िंदगी ज़हर का प्याला होती है लेकिन जीतता वो ही है जो इसे अपने हलक मे उतार ले। संदीप जी इस किताब को अपनी भावनाओं का अक्स मानते है । आशा है आपको उनकी ये किताब पसंद आयेगी ।