दिल की सुनो- हर दिल कुछ कहता है

Young Adult Fiction
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मेरी इस कहानी का शीर्षक पढ़कर आप में से कई श्रोता यह सोच रहे होंगे कि मैं किस डिक्शनरी की बात कर रहा हूं और डिक्शनरी छोटी रखने का क्या अर्थ है तो आइए मैं आपको एक कहानी के माध्यम से बताने का प्रयास करता हूं।

जब हम छोटे होते हैं और इस दुनिया में आते हैं। मैं बचपन के बारे में बताना चाह रहा हूं कि छोटे बच्चे के जीवन में कोई डिक्शनरी नहीं होती और वह वह सभी कुछ करना चाहता है जो वह करना पसंद करता है और उसको करने के लिए लालायित रहता है।

एक छोटा बच्चा हमेशा जब भी कोई नई चीज देखता है तो उसको छूना चाहता है, उसका अनुभव करना चाहता है, उसको प्राप्त करना चाहता है, उसकी जिद करता है और उसे पाकर ही दम लेता है। यही हमारा बचपन है। यही सभी का बचपन है। यह बचपन हमें ता उम्र याद रहता है कि हम कितने जिद्दी थे, कितनी मस्तियां करते थे, हमारे कितने दोस्त थे, किस प्रकार हम आनंदमय जीवन जीते थे।

हमें वह सब कुछ हासिल हो जाता था जो हम प्राप्त करना चाहते थे। हम कैसे न कैसे उसे प्राप्त कर ही लेते थे। क्योंकि हम बच्चे थे। लेकिन क्या पता क्या हो जाता है कि हमारा बचपन धीरे-धीरे परिपक्व होते हुए जवानी और प्रोड़त की ओर बढ़ता है और हम तेजी से बड़े हो जाते हैं। बचपन और बड़े होने में उम्र के आधार पर कोई सीमा रेखा नहीं है कुछ लोग हमेशा बच्चे यह बने रहते हैं और कुछ जल्दी ही बड़े हो जाते हैं।

आप सोच रहे होंगे कि मैं यह क्या बातें कर रहा हूं यह तो एक सामान्य सी बात है। लेकिन नहीं मैं आपको यह बताना चाह रहा हूं कि आपका बचपन से बड़े होने का सफर क्या है? क्या आपने कभी गौर किया है कि जब जब आप बचपन से बड़े हुए हैं तो उसके पीछे क्या छुपा हुआ है? उसके पीछे एक बहुत बड़ा राज छुपा हुआ है। आप सभी इसे तलाश कर सकते हैं इसे ढूंढ सकते हैं।

इस कहानी के माध्यम से मैं आपको अपने बचपन में लौटने का एक आसान सा उपाय बताने जा रहा हूं कि किस प्रकार से आप अपने अपने बचपन में लौट सकते हैं।

आपको करना कुछ नहीं है बस आप यह ध्यान रखें कि आप बचपन से जब बड़े हुए तो आपने किन पूर्व कल्पनाओं को किन पूर्व धारणाओं को अपने मन में बिठा लिया है और आप यह मानते हैं कि उन पूर्व धारणाओं और उन पूर्व कल्पनाओं से परे आप नहीं सोच सकते। आप नहीं जा सकते। क्योंकि समय ने आपको अपनी सीमाएं बता दी है। आपको यह बता दिया है कि आप क्या प्राप्त कर सकते हैं और क्या नहीं ? आप इतने बड़े हो गए हैं कि अब आप समझ गए हैं की कुछ चीजें आपके हाथ में नहीं है कुछ चीजें आप नहीं कर सकते और आपने अपनी एक डिक्शनरी बना दी है।

आप करना चाहते हुए भी क्या-क्या चीजें नहीं कर सकते हैं उन चीजों को आपने अपनी डिक्शनरी में रख लिया है और आपकी डिक्शनरी मोटी और मोटी बहुत मोटी हो गई है। जिसकी एक बहुत लंबी लिस्ट बन चुकी हैं जो आपके जीवन के सफर में आपके द्वारा ही गढ़ी गई मान्यताएं हैं। यह मान्यताएं आपकी पूर्व सफलता असफलता पूर्व में आपके साथ घटित घटनाएं और उनके परिणाम, पूर्व में प्राप्त अनुभव आपके पूर्व में प्राप्त परिणामों के माध्यम से लिखी गई है। इसे किसी और ने नहीं लिखा है इसे केवल और केवल आपने लिखा है। केवल और केवल आप में ही वह ताकत है कि आप अपनी इस डिक्शनरी की एक एक शब्द, एक एक शब्द के अर्थों को समझते हुए धीरे-धीरे प्रयास करते हुए उन कामों को करना शुरू कीजिए जो आप सोचते हैं कि आप करना चाहते हैं परंतु कर नहीं सकते। यही आपकी असफलता का सबसे बड़ा कारण है। यही वह सबसे बड़ा कारण है जो आपको रोके हुए हैं।

आपको अपने द्वारा गढ़ी गई मान्यताओं को तोड़ कर फेंक देना है। यह आपको धीरे धीरे करना है। इस प्रकार से करना है कि आपको वह कार्य जो आप सोचते थे कि आप नहीं कर सकते लेकिन आप करना चाहते हैं करना शुरू कर देना चाहिए, और आप देखेंगे कि आपका जीवन बदलना शुरू हो चुका है आपका जीवन और कोई नहीं बदल सकता, आपका जीवन केवल आप और आप ही बदल सकते हैं।

आप और आप ही अपने आपके सबसे बड़े दुश्मन हैं और आप और आप ही अपने सबसे बड़े दोस्त बन सकते हैं।

आप अपने आप को पुनः अपने बचपन में लौटा सकते हैं और आप देखेंगे कि किस प्रकार से आप बचपन की भांति ऊर्जावान फुर्तीले और आशावादी बन चुके हैं।

मैं आपको एक उदाहरण से समझाना चाहता हूं। यदि आपको लगता है कि आप अब डांस नहीं कर सकते, आप करना चाहते हैं परंतु आप यह सोचते हैं कि आप नहीं कर सकते क्योंकि आपने कभी किया ही नहीं। जब आप दूसरे लोगों को करते हुए देखते हैं तो आपको इच्छा होती हैं। लेकिन आप अपने द्वारा बनी हुई अपने द्वारा घड़ी हुई मान्यताओं को तोड़ नहीं पाते हैं और अपने आप को डांस करने के लिए प्रेरित नहीं कर पाते हैं। तो आपको चाहिए कि आप आज से ही डांस करना प्रारंभ करें, चाहे आपको डांस करना आए या ना आए आपको चाहिए अपनी मस्ती में नाचे और इतना इतना नाचना चाहिए कि आप अपने बचपन में लौट जाएं।

आप अपनी मान्यताओं को तोड़ दीजिए कि आप क्या नहीं कर सकते ऐसा कोई कार्य नहीं है जो आप नहीं कर सकते अगर आप करना चाहते हैं और आपको करना चाहिए ऐसा आपको लगता है तो आपको करना चाहिए।

जीवन आपका है आपको तय करना है कि एक भारी भरकम डिक्सनरी के साथ इसे ढोया जाए या अनावश्यक बोझ को कम कर इसे खूबसूरत बनाया जाए

मर्जी है आपकी आखिर दिल है आपका

कभी दिमाग को छोड़ अपने दिल की भी सुनो

आपका दिल बहुत कुछ कहता है करने को

आज से अभी से दिल की सुनो

बात दिल को लगी हो तो भी दिल पर मत लेना दिमाग को थोड़ा साइड में रखकर देखे हर दिल कुछ कहता है।

"कैलाशी" पुनीत डी शर्मा , उदयपुर, राजस्थान, भारत।

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