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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
गुड्डन अपने लकवा ग्रसित पति को लेकर नर्मदा पल्ले-पार बरेली से बस मे बैठ गईं, साथ मे दस साल और बारह साल के दो बच्चे भी थे ! बस मे भीड़ ऐसी की अंदर ठई मची थी सब पसीने से लथपथ, यह समझना मु
गुड्डन अपने लकवा ग्रसित पति को लेकर नर्मदा पल्ले-पार बरेली से बस मे बैठ गईं, साथ मे दस साल और बारह साल के दो बच्चे भी थे ! बस मे भीड़ ऐसी की अंदर ठई मची थी सब पसीने से लथपथ, यह समझना मुश्किल था की ये शरीर भिगोता पसीना अपना है या किसी दूसरे के शरीर से निकला
पर गुड्डन को इन छोटी मोटी बातो से मतलब नही था उसका लक्ष तो सिर्फ महुआ के झाड़ तक पहुंचना था बहुत उम्मीदें बँधी थी उसकी महुआ से |
मुन्ना घर का बड़ा बेटा था सो घर की जिम्मेदारियाँ भी सिर पर ले चूका था परिस्थियाँ कहाँ सोचने का मौका देती है की वह सिर्फ बारह साल का नन्हा बालक ही तो है, पर वो बड़ा है मतलब बड़ा है बात ख़त्म
एकाएक ऐसा वक्त आ गया की मैंने अपनी सभी कहानियो को अधूरा छोड़ दिया और वर्तमान समय में होने वाली घटनाओ को गौर से देखने लगा। सब के लिए ये पहली बार घटने वाली घटना थी बंद बंद सब
एकाएक ऐसा वक्त आ गया की मैंने अपनी सभी कहानियो को अधूरा छोड़ दिया और वर्तमान समय में होने वाली घटनाओ को गौर से देखने लगा। सब के लिए ये पहली बार घटने वाली घटना थी बंद बंद सबकुछ बंद।
फिर एकाएक पैदल चलने वाले मजदूरों की एकाएक बाढ़ सी आ गई , और साथ में उनके परेशानियों की कहानियाँ चल पड़ी। "ते चमगादुर होइ अवतरहीं " ये कहानी उन्ही बेबसों की कहानी है जिसमे उनका सब कुछ स्वाह हो गया।
इस कहानी संग्रह में सात कहानियाँ है १. नेत्र छेदन एक प्रथा -क्या बीतती जब कानों की बस्ती में जब किसी दो आँखों वाले सामान्य व्यक्ति को रहना पड़ता है. २. दोस्ती से भक्ति तक - हर कृष्ण क
इस कहानी संग्रह में सात कहानियाँ है १. नेत्र छेदन एक प्रथा -क्या बीतती जब कानों की बस्ती में जब किसी दो आँखों वाले सामान्य व्यक्ति को रहना पड़ता है. २. दोस्ती से भक्ति तक - हर कृष्ण को चाहिए की अपने सुदामा को नजरअंदाज न करे। ३ . राजा और दरबारी -क्या होता अगर अकबर अपने नवरत्न स्वयं से कमतर लोगो को चुनता। ४ . मै और मेरा लक्ष्मी -अफलातून दोस्ती, पौसार में बिताये दिन ५ . साहूजी एक आकर्षक व्यक्तित्व - बस एक ही कमी थी साहूजी की जिंदगी में की हम उसके दोस्त थे। ६ . पंडित मनोहर - एक राज नर्तकी और एक पंडित की अनोखी लड़ाई की कहानी ७. नन्ही मछली - नन्ही मछली किस तरह अपने हिस्से का पानी प्यासे जानवरो के बीच बाटती है
इस कहानी संग्रह में कुल पांच कहानी है अपनी धरती अपना है चमन टीटू और कोताड़ु अपवाहे- टिल का ताड शेर का मुंडन संस्कार सदाचारी शेर सभी कहानियाँ जगँल के साम्राज्य और जंगल
इस कहानी संग्रह में कुल पांच कहानी है अपनी धरती अपना है चमन टीटू और कोताड़ु अपवाहे- टिल का ताड शेर का मुंडन संस्कार सदाचारी शेर सभी कहानियाँ जगँल के साम्राज्य और जंगली जानवरो की कहानियाँ है
महुआ गुड्डन भी अपने लकवा ग्रसित पति को लेकर पल्ले-पार ( नर्मदा के उस पार ) बरेली से बस मे बैठ गईं साथ मे दस साल और बारह Read More...
नाम था उसका आशिक़ मियां, पूरी तरह सफेद बाल को महंदी लगा कर लाल कर रहते थे , काला पठानी पहने अक्सर कुछ कुछ लिखते दिखते Read More...
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