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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palnovel : pahchan mere dukh ki dava kare koi katha sangrah : kunjad-kasai gahri jaden shakir urf... bilauti chahallum kavita sangrah : gumshuda chehre aur thodi si sharm de maula kuchh bhi nhin badla ummeed baki hai abhi editing : sanket magazineRead More...
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विगत चार साल में भारतीय सामाजिक ताने-बाने को लगातार विखण्डित करने की कोशिशें हो रही हैं। देश की अल्पसंख्यक आबादी के मन में भय की एक अजीबोगरीब भावना जगह बनाने लगी है। सेकुलर सोच क
विगत चार साल में भारतीय सामाजिक ताने-बाने को लगातार विखण्डित करने की कोशिशें हो रही हैं। देश की अल्पसंख्यक आबादी के मन में भय की एक अजीबोगरीब भावना जगह बनाने लगी है। सेकुलर सोच के बहुसंख्यक भी इस विपरीत समय में सामंजस्य बनाने में पराजित सा महसूस कर रहे हैं। हिंदी क्षेत्र का अल्पसंख्यक कवि इस समय का रोज़नामचा दर्ज करता रहा है और उसी का प्रतिफल है यह कविता संग्रह " उम्मीद बाकी है अभी"
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