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10 Years of Celebrating Indie Authors
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमैं आशीष कुमार हूँ। मुझे शैंकी के नाम से भी जाना जाता है। मेरा जन्म और पालन-पोषण रामगढ़, झारखंड में हुआ। मैंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में शिक्षा प्राप्त किया है। मैने जितनी ज़िन्दगी जी है। उससे तो इतना जान हीRead More...
मैं आशीष कुमार हूँ। मुझे शैंकी के नाम से भी जाना जाता है। मेरा जन्म और पालन-पोषण रामगढ़, झारखंड में हुआ। मैंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में शिक्षा प्राप्त किया है। मैने जितनी ज़िन्दगी जी है। उससे तो इतना जान ही चुका हूँ कि जिंदगी जितना रुलाती है, मौत उतना ही तड़पाती है। सुना है किसी के पास कुछ ना हो तो हंसती है ये दुनिया। किसी के पास सब कुछ हो तो जलती है ये दुनिया। पर मेरे पास जो है उसके लिए तरसती है ये दुनिया। जो भी हूँ, जैसा भी हूँ। अपने प्यारे महादेव का हूँ। मैं क्या कहूँ, खुद से खुद के बारे में? धीरे-धीरे आप सब जान जाएंगे।
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एक छोटी सी बात और उसमें बड़ी सी बात
बस इतनी सी ही लिखी है बात इस किताब में।
जीवन में के छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव से बड़ी-बड़ी शिक्षा ली जा सकती है।
बस नज़रीया बदलना होगा हमें,
एक छोटी सी बात और उसमें बड़ी सी बात
बस इतनी सी ही लिखी है बात इस किताब में।
जीवन में के छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव से बड़ी-बड़ी शिक्षा ली जा सकती है।
बस नज़रीया बदलना होगा हमें, ग़र नज़ारे देखने हैं तो हमें।
इस पुस्तक में मैंने अपनी यात्रा लिखी है
हाँ अंतिम यात्रा
मृत्यु की हकीक़त को दर्शाया है।
जी हाँ मृत्यु, वह मृत्यु जिसे सबका पता मालूम है
बस हमें ही नहीं पता है कि मृत्यु आए
इस पुस्तक में मैंने अपनी यात्रा लिखी है
हाँ अंतिम यात्रा
मृत्यु की हकीक़त को दर्शाया है।
जी हाँ मृत्यु, वह मृत्यु जिसे सबका पता मालूम है
बस हमें ही नहीं पता है कि मृत्यु आएगी पर हमें मार नहीं पाएगी।
श्रीमद्भागवतगीता के अध्ययन, संतों-महापुरूषों के वाणी को पढ़कर इस पुस्तक को पंक्तियों के रूप में व्यंग्य के साथ लिखा हूँ।
अंतिम यात्रा जिसे हम कहते हैं दरसल वह आध्यात्मिकता कि दृष्टि से बिलकुल ही अलग है। हम सत्य को नकाब में रख झूठ को सत्य कहते है। बस उसी झूठ का प्रदा हटा सत्य को लिखा है।
आशा है आप सब इस पुस्तक को पढ़ कर अपने जीवन को भी सत्य की ओर ले जाएंगे।
यह सिर्फ एक किताब नहीं है, यह स्कंद पुराण का ह्रदय है। इस पुस्तक में शिव और पार्वती के बिच का संवाद हैं। सूत गुरु गीता को पढ़कर और मैंने 'कनवेर्स ऑफ़ शिवा पार्वती' नाम की इस पुस्
यह सिर्फ एक किताब नहीं है, यह स्कंद पुराण का ह्रदय है। इस पुस्तक में शिव और पार्वती के बिच का संवाद हैं। सूत गुरु गीता को पढ़कर और मैंने 'कनवेर्स ऑफ़ शिवा पार्वती' नाम की इस पुस्तक को लिखा हूँ। इस पुस्तक में आप शिव-पार्वती की मूल बातचीत को संस्कृत भाषा में हिंदी अर्थ और मेरी अंग्रेजी भाषा की व्याख्या के साथ पढ़ सकते हैं। इस गुरु गीता या स्कंद पुराण के हृदय का अध्ययन एक असामयिक मृत्यु और सभी कष्टों को समाप्त करता है। जब आप इस संवाद को पढ़ते हैं तो आपको शिव पार्वती की दिव्य मधुरता का अनुभव होता है।
I have written some of my experiences in this book. And some such feelings which are completely blank. Some letters have been written, also some have the character and the face of the society. I have written the life just as much as I have lived and have embraced death.
I have written some of my experiences in this book. And some such feelings which are completely blank. Some letters have been written, also some have the character and the face of the society. I have written the life just as much as I have lived and have embraced death.
'क़तरा-क़तरा जिंदगी का' नामक यह पुस्तक एक कविता संग्रह है, जो जिंदगी के भिन्न-भिन्न अनुभवों को कविताओं और छंदो के रूप में प्रस्तुत करता है। इस पुस्तक में जीवन के दार्शनिक विचार
'क़तरा-क़तरा जिंदगी का' नामक यह पुस्तक एक कविता संग्रह है, जो जिंदगी के भिन्न-भिन्न अनुभवों को कविताओं और छंदो के रूप में प्रस्तुत करता है। इस पुस्तक में जीवन के दार्शनिक विचारों, प्रेम, प्रेरणा, दुखः, मृत्यु के अहसासों से प्रेरित होकर कविताएँ लिखी और संकलित की गयी है। उम्मीद है मेरी यह कोशिश मेरी पुस्तक के पाठकों को पसंद आयेगी। आभार।
यह पुस्तक काव्यात्मक ढंग से वृद्धाश्रम से अनाथालय तक की यात्रा है।
यह पुस्तक परिपक्व पाठक के लिए लिखा गया है। इसका उद्देश्य किसी की भी भावना को ठेस पहुँचाना नहीं है। यह
यह पुस्तक काव्यात्मक ढंग से वृद्धाश्रम से अनाथालय तक की यात्रा है।
यह पुस्तक परिपक्व पाठक के लिए लिखा गया है। इसका उद्देश्य किसी की भी भावना को ठेस पहुँचाना नहीं है। यह सभी व्यक्ति, समाज, लिंग, पंथ, राष्ट्र, धर्म के पक्ष में और विपक्ष में लिखा गया है। यह मेरे अपने स्वयं विचार हैं। आशा है इस पुस्तक को पढ़ कर आप मेरे दृष्टिकोण को समझने और सराहने की कोशिश करेंगे। यह मात्र सामाजिक यथार्थ को चित्रित का प्रयास है। पुस्तक का उद्देश्य शांति, अहिंसा, सहिष्णुता, दोस्ती, एकता, समृद्धि, खुशी और अखंडता को बढ़ावा देना है। यह पुस्तक मेरे माता-पिता को समर्पित है।
जब भी आप यह पुस्तक पढ़ोगे तब आपको एक शक्ति की अनुभूति होगी
हाँ राम की शक्ति की अनुभूति होगी।
आपका रोम-रोम पुलकित हो उठेगा।
एक उमंग आयेगी उत्साह भी आयेगा
हृदय गद-गद हो उठेगा
जब भी आप यह पुस्तक पढ़ोगे तब आपको एक शक्ति की अनुभूति होगी
हाँ राम की शक्ति की अनुभूति होगी।
आपका रोम-रोम पुलकित हो उठेगा।
एक उमंग आयेगी उत्साह भी आयेगा
हृदय गद-गद हो उठेगा
हो सकता है आँखों से आँसू भी छलक जायें।
एक अनुभव होगा जिसे आप शब्दों में ब्यान नहीं कर पाओगे ये बात मैं जानता हूँ।
चलो देखते हैं आपका अनुभव कैसा रहता है।
This book is written for the mature reader. It's purpose is not to hurt anyone's feelings. Neither is it in favor or opposition of any person, society, gender, creed, nation or religion. These are the author's own views. Hope that by reading this book, you will try to understand and appreciate the author's point of view. It is merely an attempt to portray social reality. The aim of the book is to promote peace, non-violence, tolerance, friendship, unity, prosp
This book is written for the mature reader. It's purpose is not to hurt anyone's feelings. Neither is it in favor or opposition of any person, society, gender, creed, nation or religion. These are the author's own views. Hope that by reading this book, you will try to understand and appreciate the author's point of view. It is merely an attempt to portray social reality. The aim of the book is to promote peace, non-violence, tolerance, friendship, unity, prosperity, happiness and integrity.
यह पुस्तक परिपक्व पाठक के लिए लिखा गया है। इसका उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुँचाना नहीं है। ना यह किसी व्यक्ति, समाज, लिंग, पंथ, राष्ट्र या धर्म के पक्ष में या विपक्ष में है। यह
यह पुस्तक परिपक्व पाठक के लिए लिखा गया है। इसका उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुँचाना नहीं है। ना यह किसी व्यक्ति, समाज, लिंग, पंथ, राष्ट्र या धर्म के पक्ष में या विपक्ष में है। यह लेखक के अपने विचार हैं। आशा है इस पुस्तक को पढ़ कर आप लेखक के दृष्टिकोण को समझने और सराहने की कोशिश करेंगे। यह मात्र सामाजिक यथार्थ को चित्रित का प्रयास है। पुस्तक का उद्देश्य शांति, अहिंसा, सहिष्णुता, दोस्ती, एकता, समृद्धि, खुशी और अखंडता को बढ़ावा देना है।
I have written some of my experiences in this book. And some such feelings which are completely blank. Some letters have been written, also some have the character and the face of the society. I have written the life just as much as I have lived and have embraced death.
I have written some of my experiences in this book. And some such feelings which are completely blank. Some letters have been written, also some have the character and the face of the society. I have written the life just as much as I have lived and have embraced death.
इस किताब में मैनें अपने कुछ अनुभव को लिखा है। कुछ ऐसे एहसासों को लिखा है जो बिल्कुल कोरे हैं। कुछ आतीत भी लिखा है, कुछ समाज का चरित्र भी और चहेरा भी। बस जिंदगी को जितना जिआ है और मौ
इस किताब में मैनें अपने कुछ अनुभव को लिखा है। कुछ ऐसे एहसासों को लिखा है जो बिल्कुल कोरे हैं। कुछ आतीत भी लिखा है, कुछ समाज का चरित्र भी और चहेरा भी। बस जिंदगी को जितना जिआ है और मौत को गले लगाया है बस मैने वही लिख दिया है। वो भी मुस्कुरा कर गम का जहर पी कर।
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