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Vivek SreedharAuthor of Ketchup & Curryइश्क़ का इज़हार, एक तरफा मुहब्बत, भीगे तकिए में घिरी वो रातें, कुछ ख़त जो दिए नहीं, कुछ ख़त जिनके जवाब आए नहीं, वो हसरतें, वो चाहतें, कुछ टूटे ख़्वाब थे, कुछ रह गए थे अधूरे, कुछ झूठी कसमे
इश्क़ का इज़हार, एक तरफा मुहब्बत, भीगे तकिए में घिरी वो रातें, कुछ ख़त जो दिए नहीं, कुछ ख़त जिनके जवाब आए नहीं, वो हसरतें, वो चाहतें, कुछ टूटे ख़्वाब थे, कुछ रह गए थे अधूरे, कुछ झूठी कसमें और साथ कुछ टूटे वादे, क्या क्या नहीं पिरोया इस क़िताब के हर लफ्ज़ में !! ये क़िताब सिर्फ़ कुछ शेर, शायरी, ग़ज़ल, नज़्म और रूबाई का संग्रह नहीं है ये तो अभी तक की ज़िन्दगी में जिए हुए पलों का हूबहू वर्णन है। उम्मीद है आप अपना कीमती वक़्त इसे पढ़ने में ज़ाया करने की ज़हमत उठाएंगे। तो अब मैं ये क़िताब आपके हवाले छोड़ कर आपसे विदा लेता हूं, एक गुज़ारिश है कि इसे तसल्ली से बैठकर एहतियात से पढ़िएगा और इसके हर बेरहम लफ्ज़ को अपने दिल में तीर सा घुसने दीजिएगा। इसे पढ़ने के बाद कोई ख़्वाब, कोई चेहरा, कोई गुज़री बात अगर याद आए और दिल में दर्द और चेहरे पर मुस्कुराहट आने लगे तो समझ लीजिएगा इस क़िताब को लिखने का मेरा मक़सद पूरा हुआ। खैर, मैं चलता हूँ अपने ख़यालों में डूबकर कुछ और लफ़्ज़ों को अपनी डायरी पर लिखने! "वक़्त की बेपरवाही ने हमें आशिक़ बना दिया, आशिक़ ने शायर, और शायर ने मुक़ाम दिला दिया।"
ये दिल बड़ा नादान है, तेरा हर लफ्ज़ इसके अंदर है, तेरी हर बात इसमें है, तेरी हर यादों का समंदर है, चलो बता भी दो मेरे दि Read More...
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