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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalRohit's native is Maihar in M.P. India. Read More...
Rohit's native is Maihar in M.P. India.
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'लाल मन' शीर्षक का अर्थ है, 'ऐ रेड माइंड', माने सूजे हुए विचार. ये क़िताब का अधिकतम हिस्सा लॉकडाउन के समय में लिखा गया है. इससे शायद आप समझ सकते है की लेखिकी में सूजन क्यूँ आयी होगी? लालम
'लाल मन' शीर्षक का अर्थ है, 'ऐ रेड माइंड', माने सूजे हुए विचार. ये क़िताब का अधिकतम हिस्सा लॉकडाउन के समय में लिखा गया है. इससे शायद आप समझ सकते है की लेखिकी में सूजन क्यूँ आयी होगी? लालमन एक नौयुवक है जो की भारत के एक महानगर में रहता है. वो अपने आसपास के वातावरण से बहोत प्रभावित है. लालमन की कहानी आदर्श और यथार्थ के बीच में झूलते रहती है. वो कोई तैराकी के तरह इस द्वन्द के सागर को पार करने में लगा हुआ है. एक के बाद एक, जब तेज लहरों सी गिरती हुई जीवन के बहुरुपी बज्र लालमन की पसलियों को तोड़ने में उतारू रहते हैं, वो इनसे जूझता हुआ, गिरता संभलता हुआ, टूटे हुए सपनों के ढेर बटोरता हुआ, अपने आप को दूसरे-तीसरे पड़ाव में पाने लगता हैं. इस पुस्तक के माध्यम से रोहित ने शहर में पलायन किये हुए माइग्रेंट वर्कर्स के जीवनचित्र का वर्णन करने की गुस्ताखी की हैं.
'अंतर्मन से कभी कभी' लिखने वाले महाशय कभी ये ध्यान में रख के इसे लिखना चालू नहीं किये थे की छपवा देंगे. ये किताब के हर एक शब्द भावनाओ से फूटे है. कुछ आधी रात लिखे गए. कुछ को चलती बस में
'अंतर्मन से कभी कभी' लिखने वाले महाशय कभी ये ध्यान में रख के इसे लिखना चालू नहीं किये थे की छपवा देंगे. ये किताब के हर एक शब्द भावनाओ से फूटे है. कुछ आधी रात लिखे गए. कुछ को चलती बस में लिखा. कुछ को अधूरे पन ने लिखवा दिया. कुछ सोचते सोचते लिखर गए. चुकी जब ख्याल अति तीव्र होके मन को परेशान करने लगते थे और छलकने लगते थे, इसे गिरते गिरते मोबाइल की स्क्रीन में समेट लिया गया. इसीलिए लिखने की अवधि दो साल होगी. इन्हे लिखते वक़्त जिन शब्दों को ढाल बनाया गया और उनकी मदद मांगी गयी, इसे छपवाने की तरकीब के दौरान उनमे ' ा' की मात्रा की भी फेर बदल नहीं की गयी ताकि पढ़ने वाले का मन लिखते वक़्त लिखने वाले के मन से मिले. किताब में थोड़ी कुछ कविताएं है और कुछ चित्रण अमूर्त लेखन के है.
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