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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palडॉ. हरेराम सिंह हिन्दी के प्रसिद्ध कवि-आलोचक डॉ. हरेराम सिंह का जन्म 30 जनवरी 1988 ई. को बिहार के सासाराम शहर से 45 किमी दूर काराकाट प्रखंड के करुप ईंगलिश नामक एक गाँव में हुआ । उनकी प्रारंभिक एवं माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा गाँवों से हुई।Read More...
डॉ. हरेराम सिंह
हिन्दी के प्रसिद्ध कवि-आलोचक डॉ. हरेराम सिंह का जन्म 30 जनवरी 1988 ई. को बिहार के सासाराम शहर से 45 किमी दूर काराकाट प्रखंड के करुप ईंगलिश नामक एक गाँव में हुआ । उनकी प्रारंभिक एवं माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा गाँवों से हुई। वे 2002 में मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से हाई स्कूल बुढ़वल से उत्तीर्णकर इंटरमीडिएट व स्नात्तक की शिक्षा के लिए कुछ वर्षों तक अपने गाँव के नजदीकी कस्बाई शहर बिक्रमगंज में आ गए। वहीं अनजबित सिंह कॉलेज से वे क्रमशः वर्ष 2004 तथा 2007 में इंटरमीडिएट व बी .ए . (प्रतिष्ठा ) की परीक्षा उत्तीर्ण हुए। नालंदा खुला विश्वविद्यालय पटना से 2009 में एम.ए. (हिन्दी ) की पढाई पूरीकर वीर कुँवर सिंह विश्व विद्यालय आरा से 2015 में पीएडी की उपाधि प्राप्त की।
डॉ. हरेराम सिंह एक कवि, आलोचक, कहानीकार और उपन्यासकार हैं, जो अपनी कविताओं और आलोचनात्मक लेखन के लिए खास रूप से जाने जाते हैं। हिंदी साहित्य में उनका योगदान महत्त्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय रहा हैं और अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत करते रहे हैं।
डॉ. हरेराम सिंह एक प्रसिद्ध हिंदी कवि और साहित्यकार हैं। उनकी कविताओं में सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डाला जाता है और उनकी कविताओं में गहरी भावनाएं और सोच होती है। वह अपनी कविताओं के माध्यम से समाज को संदेश देने का प्रयास करते हैं। उनकी कुछ प्रसिद्ध कविताओं में "हाशिए का चाँद", "रात गहरा गई है", "पहाड़ों के बीच से", "मैं रक्तबीज हूँ" और "चाँद के पार आदमी" शामिल हैं।
हरेराम सिंह की रचनाओं की विषेशताएं:
1. सामाजिक मुद्दे: उनकी कविताएँ सामाजिक मुद्दों जैसे कि गरीबी, असमानता, और शोषण पर प्रकाश डालती हैं।
2. प्रेम और रिश्ते: उनकी कविताएँ प्रेम, रिश्तों, और मानव संबंधों पर आधारित हैं।
3. प्रकृति: उनकी कविताएँ प्रकृति की सुंदरता और महत्व को अक्षुण्ण बनाती हैं।
4. आत्मानुभव: उनकी कविताएँ सामाजिक के साथ उनके निजी जीवन और आत्मानुभवों पर भी आधारित हैं। 5. गहरी भावनाएं: उनकी कविताएँ गहरी भावनाओं से भरी होती हैं, जो पाठकों को सोचने और महसूस करने के लिए प्रेरित करती हैं।
6. सुंदर भाषा: वह अपनी कविताओं में सुंदर और सरल भाषा का उपयोग करते हैं, जो पाठकों को आकर्षित करती है।
7. संदेश: उनकी कविताएँ अक्सर संदेश देती हैं और पाठकों को सोचने और अपने जीवन में परिवर्तन करने के लिए प्रेरित करती हैं। आलोचक के साथ वे एक प्रतिभाशाली कवि हैं और इनकी कविताएँ हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।
हरेराम सिंह की रचनाएँ अक्सर भारतीय संस्कृति, परंपराओं और लोककथाओं से प्रेरित होती हैं। उनकी कविताएँ और लेखन अक्सर दिल को छूने वाले और विचारोत्तेजक होते हैं, जो पाठकों को जीवन, प्रकृति और मानव अनुभव के बारे में गहन विचार करने के लिए प्रेरित करते हैं।
आलोचना के क्षेत्र में हिन्दी आलोचना का प्रगतिशील पक्ष, हिन्दी आलोचना का जनपक्ष , आधुनिक हिन्दी साहित्य और जन सम्वेदनाएं तथा किसान जीवन की महागाथा:गोदान और छमाण आठगुंठ महत्वपूर्ण अवदानो में से हैं| डॉ .हरेराम सिंह हिन्दी साहित्य का एक चमकता सितारा हैं|
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Achievements
'डॉ.राजेंद्र प्रसाद सिंह:नए साहित्य और इतिहास की खोज" ख्यात अंतरराष्ट्रीय भाषा वैज्ञानिक , बौद्ध दार्शनिक, इतिहासकार डॉ.राजेंद्र प्रसाद सिंह के साहित्यिक व ऐतिहासिक उपलब्धियो
'डॉ.राजेंद्र प्रसाद सिंह:नए साहित्य और इतिहास की खोज" ख्यात अंतरराष्ट्रीय भाषा वैज्ञानिक , बौद्ध दार्शनिक, इतिहासकार डॉ.राजेंद्र प्रसाद सिंह के साहित्यिक व ऐतिहासिक उपलब्धियों को रेखांकित करने वाली पुस्तक है। इस पुस्तक में भाषा,समाज,इतिहास और वर्तमान की टकराहटों पर समसामयिक टिप्पणियों से युक्त डॉ.सिंह की मौलिक स्थापनाओं, विचारों एवं ऐतिहासिक विवेचनाओं के दर्शन सहज सुलभ है, जिससे डॉ.राजेंद्र प्रसाद सिंह की दूरदर्शिता, तार्किकता और तथ्यों को पड़ताल करने की अद्भुत शक्ति का बोध होता है।ऐसा शख्स शती में विरले कोई पैदा होता है जो समाज और एकेडमिक स्तर पर सोचने और देखने के तरीके ही बदल डालता हो!
Children of Rohtasgarh Hill
Children of Rohtasgarh Hill
Hindi Poetry compilation
Hindi Poetry compilation
" मैं रक्त बीज हूँ !" प्रसिद्ध हिन्दी कवि हरेराम सिंह की काव्य पुस्तक है। हरेराम सिंह बिहार के रोहतास जिला से संबंध रखते हैं । इस काव्य पुस्तक में कुल 70 कविताएं हैं जो जीवन के विविध
" मैं रक्त बीज हूँ !" प्रसिद्ध हिन्दी कवि हरेराम सिंह की काव्य पुस्तक है। हरेराम सिंह बिहार के रोहतास जिला से संबंध रखते हैं । इस काव्य पुस्तक में कुल 70 कविताएं हैं जो जीवन के विविध रंगों से सृजित हैं।
The poems have been compiled by the author.
The poems have been compiled by the author.
बहुत कोशिश के बाद राम भजन मुस्कुराए थे। इधर कई सालों से रामेश्वरम् कॉलोनी में घर बनाकर रहे रहें हैं। पर, शायद किसी न Read More...
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