Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalAshutosh Kumar,known by his Pen Name Ashu Choudhary "Ashutosh He was born on 14 February 1998 in Gandhi Gram Bareta a small village about 30 km from Katihar district of Bihar. He is a Mechanical Engineer, Hindi poet and non-fictional writer By His Passion He Chose Writing And He Leave Job as Mechanical Engineer. His 1st Book is Dard E JindagiRead More...
Ashutosh Kumar,known by his Pen Name Ashu Choudhary "Ashutosh He was born on 14 February 1998 in Gandhi Gram Bareta a small village about 30 km from Katihar district of Bihar. He is a Mechanical Engineer, Hindi poet and non-fictional writer
By His Passion He Chose Writing And He Leave Job as Mechanical Engineer.
His 1st Book is Dard E Jindagi
Read Less...Achievements
युवा पाठक को समर्पित प्रस्तुत पुस्तक "एक लड़की और उसकी चाय " में लेखक ने चाय की मिठास से सहसा उपजे अंतरंग भाव को रेखांकित करने का प्रयास किया है , जो कालांतर में बहुधा शनै:शनै: प्र
युवा पाठक को समर्पित प्रस्तुत पुस्तक "एक लड़की और उसकी चाय " में लेखक ने चाय की मिठास से सहसा उपजे अंतरंग भाव को रेखांकित करने का प्रयास किया है , जो कालांतर में बहुधा शनै:शनै: प्रणय भाव में रूपांतरित हो जाया करता है । हालांकि , कतिपय कारणों से बढ़ते समय के साथ-साथ परस्पर प्रणय भाव के घटते जाने अथवा विलोपित हो जाने की स्थिति में एकतरफा प्रणय निवेदन मर्यादा की सीमा रेखा के घेरे में रहने के चलते तिरस्कृत होकर प्रणय पीड़ा का साक्षी बन जाता है ।
एक वहम है मोहब्बत
एक वहम है दोस्ती
एक वहम है जिंदगी
एक वहम है ख्वाइश
एक वहम है रिश्ता
जो सत्य है वो दर्द है ,
जो सत्य है वो परेशान है
परेशान एक सफ़र है वहम से सत्
एक वहम है मोहब्बत
एक वहम है दोस्ती
एक वहम है जिंदगी
एक वहम है ख्वाइश
एक वहम है रिश्ता
जो सत्य है वो दर्द है ,
जो सत्य है वो परेशान है
परेशान एक सफ़र है वहम से सत्य तक का ।
लेखक परिचय
आशुतोष कुमार, जिन्हें उनके कलम नाम आशु चौधरी "आशुतोष" के नाम से जाना जाता है, उनका जन्म 14 फरवरी 1998 को बिहार के कटिहार जिले से लगभग 30 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गाँव गांधी ग्राम बरेटा में हुआ था।
अपने जुनून से उन्होंने लेखन को चुना और उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में नौकरी छोड़ दी।
उनकी पहली किताब दर्द ए जिंदगी है।
रक्षक 90 की दशक की एक कहानी है या ये कहें कि गेंगवार की एक गाथा है ये गेंगवार है अखिलेश सिंह और कुख्यात अपराधी अशोक महतो के बीच जातियों में लेकर वर्चस्व की
लेखक परिचय
आशु
रक्षक 90 की दशक की एक कहानी है या ये कहें कि गेंगवार की एक गाथा है ये गेंगवार है अखिलेश सिंह और कुख्यात अपराधी अशोक महतो के बीच जातियों में लेकर वर्चस्व की
लेखक परिचय
आशुतोष कुमार, जिन्हें उनके कलम नाम आशु चौधरी "आशुतोष" के नाम से जाना जाता है, उनका जन्म 14 फरवरी 1998 को बिहार के कटिहार जिले से लगभग 30 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गाँव गांधी ग्राम बरेटा में हुआ था।
उनके जुनून से उन्होंने लेखन को चुना और उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में नौकरी छोड़ दी।
उनकी पहली किताब दर्द ए जिंदगी है।
अक्सर हम उन्हीं से मोहब्बत कर बैठते हैं जिन्हें हम पा नहीं सकते और वो भी एकतरफा मोहब्बत, हर रोज उस रास्ते से गुजरता हूँ और उसे देखा करता हूँ, बीच-बीच में वो भी देख लिया करती है। और ज
अक्सर हम उन्हीं से मोहब्बत कर बैठते हैं जिन्हें हम पा नहीं सकते और वो भी एकतरफा मोहब्बत, हर रोज उस रास्ते से गुजरता हूँ और उसे देखा करता हूँ, बीच-बीच में वो भी देख लिया करती है। और जिस दिन वो नहीं दिखती है अपना दिन ही नहीं गुजरता है,। मुझे उससे कोई शिकायत भी नहीं है और ना ही अपने प्यार के बदले में उससे प्यार चाहिए, बस हर रोज़ वो दिख जाए मेरे लिए वही काफी है। मुझे तो ये भी पता नहीं कि वो मेरा नाम भी जानती है या नहीं बस एकतरफा मोहब्बत किए जा रहा हूँ। "दर्द लिखने लगा हूँ तब से जिंदगी मर गई है जब से,,
लेखक परिचय
आशुतोष कुमार, जिन्हें उनके कलम नाम आशु चौधरी "आशुतोष" के नाम से जाना जाता है, उनका जन्म 14 फरवरी 1998 को बिहार के कटिहार जिले से लगभग 30 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गाँव गांधी ग्राम बरेटा में हुआ था।
अपने जुनून से उन्होंने लेखन को चुना और उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में नौकरी छोड़ दी।
उनकी पहली किताब दर्द ए जिंदगी है।
होंठों पे लिपिस्टिक और पैरों में पायल तुम्हारी अदाएं हमें कर जाती हैं घायल। न दोस्तों से न दुश्मनों से कोई गिला मु Read More...
हम बेकार हमारी ज़िंदगी बेकार मतलबी लोगों से दोस्ती बेकार हम बेकार हमारी दिवानगी बेकार बद्दुआ देने वालों की तिश्न Read More...
जब 'दर्द' का इलाज़ न मिले ज़माने में तब लौट आओ तुम मयखाने में दर्द-ए-ग़म हम ने कितना सहा तुम्हें अंदाज़ा नहीं कभी आ Read More...
दर्द दिल का अब सहा नहीं जाता ज़हर नफ़रत का अब पिया नहीं जाता मिला है दर्द ऐसा की दो लफ़्ज़ों में बताना मुमकिन नहीं क Read More...
मत उछाल मेरे दर्द को यूँ भरी महफ़िल में मत कुरेद मेरे जख्मों को यूँ भरी महफ़िल में गलती मेरी थी जो तुझे सुनाया दास Read More...
कसूर बेवफ़ाओं की दर्द दीवानों को न दो कसूर आशिकी की दर्द आशिकों को न दो मोहब्बत रुक पड़ा है आकर नुमाइशों की दहलीज़ पर Read More...
चल पड़ा हूँ मंजिल की तलाश में कहीं तमाशा न बन जाऊँ मंजिल की तलाश में चल पड़ी है सांस आखिरी कहीं प्यासा न मर जाऊँ मं Read More...
कभी लोगों के आस्तीन में था जो अब हवाओं में छुपा वो खंजर है बड़ा खौफनाक ये मंज़र है मलाल बस इस बात का है 'आशु' दिल की बात Read More...
Are you sure you want to close this?
You might lose all unsaved changes.
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.