एक वहम है मोहब्बत
एक वहम है दोस्ती
एक वहम है जिंदगी
एक वहम है ख्वाइश
एक वहम है रिश्ता
जो सत्य है वो दर्द है ,
जो सत्य है वो परेशान है
परेशान एक सफ़र है वहम से सत्
"न जाति न अभिमान की
ये कहानी है आत्मसम्मान की,,
बिहार में नवादा के वारसलीगंज में अगड़ी जाति भूमिहार संख्या में हालांकि सबसे अधिक थे , फिर भी वारसलीगंज में पिछड़ी जाति का दबदब
अक्सर हम उन्हीं से मोहब्बत कर बैठते हैं जिन्हें हम पा नहीं सकते और वो भी एकतरफा मोहब्बत, हर रोज उस रास्ते से गुजरता हूँ और उसे देखा करता हूँ, बीच-बीच में वो भी देख लिया करती है। और ज
होंठों पे लिपिस्टिक और पैरों में पायल तुम्हारी अदाएं हमें कर जाती हैं घायल। न दोस्तों से न दुश्मनों से कोई गिला मु Read More...
हम बेकार हमारी ज़िंदगी बेकार मतलबी लोगों से दोस्ती बेकार हम बेकार हमारी दिवानगी बेकार बद्दुआ देने वालों की तिश्न Read More...
जब 'दर्द' का इलाज़ न मिले ज़माने में तब लौट आओ तुम मयखाने में दर्द-ए-ग़म हम ने कितना सहा तुम्हें अंदाज़ा नहीं कभी आ Read More...
दर्द दिल का अब सहा नहीं जाता ज़हर नफ़रत का अब पिया नहीं जाता मिला है दर्द ऐसा की दो लफ़्ज़ों में बताना मुमकिन नहीं क Read More...
मत उछाल मेरे दर्द को यूँ भरी महफ़िल में मत कुरेद मेरे जख्मों को यूँ भरी महफ़िल में गलती मेरी थी जो तुझे सुनाया दास Read More...
कसूर बेवफ़ाओं की दर्द दीवानों को न दो कसूर आशिकी की दर्द आशिकों को न दो मोहब्बत रुक पड़ा है आकर नुमाइशों की दहलीज़ पर Read More...
चल पड़ा हूँ मंजिल की तलाश में कहीं तमाशा न बन जाऊँ मंजिल की तलाश में चल पड़ी है सांस आखिरी कहीं प्यासा न मर जाऊँ मं Read More...
कभी लोगों के आस्तीन में था जो अब हवाओं में छुपा वो खंजर है बड़ा खौफनाक ये मंज़र है मलाल बस इस बात का है 'आशु' दिल की बात Read More...