तपती जलती धूप में राहत की छाँव मयस्सर कराती है माँ बिन कहे ही फिर मेरी प्यास बूझाती है माँ थक गया अब मैं इस ज़माने से र Read More...
बड़ी ही दिलचस्प होती है ये सत्रह-अठरह की लड़कियाँ वक्त-सुब्हदम सी होती है ये सत्रह-अठरह की लड़कियाँ धूप से शिकायातें ह Read More...