धुआँ धुआँ है फ़ज़ा रौशनी बहुत कम है सभी से प्यार करो ज़िंदगी बहुत कम है जहाँ है प्यास वहाँ सब गिलास ख़ाली हैं  Read More...
खूबसूरत थे बचपन के दिन भी वो,कागज़ की ही सही मगर,हमारी भी जहाज पानी में चला करती थी,कभी बहन के हाथों से झूला-झूलना , कभी Read More...